हादसों के इस शहर में
आज कोई आएगा
खोल देगा राज या फिर
राज खुद बन जायेगा

रात की आगोश में
ये राज रहने दीजिये
कीजियेगा कल खुलासा
आज रहने दीजिये

फिर कोई परवाना यहाँ
जो जान पे अपनी खेलेगा

फिर कोई परवाना यहाँ
जो जान पे अपनी खेलेगा
आशिकी में होके फन्ना
बाँहों में समा को ले लेगा

इतनी हसीनों पे
कितनी दफा ये डोला
फिर भी फकीरों का
पहने हुए है चोला

इतर की शीशी है
जहाँ भी खुल जाये
हवा में घुल जाए
दिल जोगीरा हरफन्नमौला
हरफन्नमौला

(आये तो कई करने इधर
दिल-ए-बेकरार की दवा
शब से सेहर होते ही मगर
बारी बारी सब हो गए हवा)-2

सब के अँधेरे में
जन्नत दिखाने वाला
मैं तो सवेरे भी
दिल ना दुखाने वाला

के मेरी बाहों में
रात जो गुजरे वो
उम्र भर जैसी है
दिल जोगीरा हरफन्नमौला
हरफन्नमौला