Parwah Nahin Lyrics- M. S. Dhoni: The Untold Story
Full Lyrics of Song Parwah Nahin in Hindi & English from the movie M.S.Dhoni: The untold stroy. Starring Sushant Singh Rajput in Lead Role
Song | Parwah Nahin |
Movie | M.S.Dhoni: The Untold Story |
Singer | Siddharth Basrur |
Lyrics | Manoj Muntashir |
Music | Amaal Mallik |
Patthar ke hain sab raaste
Parwah nahin..
Dhundhle hain chehre khwaab ke
Parwah nahin..
Chhalni hai seena rehne do
Ab jo bhi ho parwah nahin..
Sanki hua jaata hai dil
Mann ki kiye jaata hai dil
Kadke betahasha ye
Bijli hua jaata hai dil (x2)
Baadal mein dhoondhe hausle
Pagla gaye hain hausle
Gir jaaye ya udey
Ab toote ya jude, parwah nahin..
Parwah nahin.. hey.. yeah..
Parwah nahin.. yeah..
Parwah nahin.. yeah…
Jhoothe hain ya sachche hain
Sapne aakhir sapne hain
Saare taare tumhi rakh lo
Saare jugnu toh mere hain (x2)
Roke ruke na dil jale
Pagla gaye hain hausle
Ziddi hain dhadkane
Ab bigde ya bane, parwah nahin..
Wo.. parwah nahin..
Ho.. parwah nahin..
Yeah.. parwah nahin.. yeah…
Saanson mein jo bhatti hai
Woh raat aur din dehakti hai
Paani-waani toh dhoka hai
Yeh aag aag se bujhti hai (x2)
Aaye toh aaye zalzale
Pagla gaye hain hausle
Sholon pe hum chale
Ab pighle ya jale, parwah nahin!
Wo.. parwah nahin..
Wo.. parwah nahin..
Wo.. parwah nahin..
Wo.. parwah nahin.. o..
पत्थर के हैं सब रास्ते
परवाह नहीं
धुंधले हैं चेहरे ख्वाब के
परवाह नहीं
छलनी है सीना रहने दो
अब जो भी परवाह नहीं
सनकी हुआ जाता है दिल
मन की किया जाता है दिल
कड़के बेरहाषा ये
बिजली हुआ जाता है दिल
सनकी हुआ जाता है दिल
मन की किया जाता है दिल
कड़के बेरहाषा ये
बिजली हुआ जाता है दिल
बादल में ढूंढें होंसले
पागला गए हैं होंसले
गिर जाये या उड़े
अब टूटे या जुड़े, परवाह नहीं
परवाह नहीं हे..
परवाह नहीं हे..
परवाह नहीं हे..
झूटे हैं या सच्चे हैं
सपने आखिर सपने हैं
सारे तारे तुम्हीं रख लो
सारे जुगनू तो मेरे हैं
झूटे हैं या सच्चे हैं
सपने आखिर सपने हैं
सारे तारे तुम्हीं रख लो
सारे जुगनू तो मेरे हैं
टोके रुके ना दिल जले
पगला गए हैं हौंसले
जिद्दी हैं धड़कने
बिगड़े या बने परवाह नहीं
वो परवाह नहीं
हो परवाह नहीं
येह परवाह नहीं ये
साँसों में जो भट्टी है
वो रात और दिन दहकती है
पानी-वानी तो धोका है
ये आग आग से बुझती है
साँसों में जो भट्टी है
वो रात और दिन दहकती है
पानी-वानी तो धोका है
ये आग आग से बुझती है
आयें तो आये जलजले
पगला गए हैं होंसले
शोलों पे हम चले
अब पिघले या जले परवाह नहीं
वो परवाह नहीं.. वो परवाह नहीं..
वो परवाह नहीं.. वो परवाह नहीं..